देहरादून। प्रदेश के महाविद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों ने राज्यपाल, मंत्री और मुख्यमंत्री को सीधे पत्र लिखा तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. संदीप कुमार शर्मा ने इस संबंध में समस्त महाविद्यालय प्राचार्य को निर्देश जारी किए हैं।
दरअसल उच्च स्तर से इस बात पर नाराजगी जताई गई है कि उच्च शिक्षा विभाग के तहत सेवारत कार्मिक उत्तराखंड कर्मचारी आचरण नियमावली की अवहेलना करते हुए सीधे अपने नाम से राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों को पत्र लिख रहे हैं। विभिन्न प्रकरणों पर सीधे इस तरह से प्रार्थना पत्र लिखा जाना नियमों के विरुद्ध एवं विभागीय गरिमा के प्रतिकूल है।
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बतो दें कि हाल ही में अभी उच्च शिक्षा विभाग में कई अनिवार्य ट्रांसफर हुए हैं जिसको रोकने को लेकर कई शिक्षक राजनेताओं से संपर्क साध रहे हैं। इसे लेकर ही उच्च स्तर से नाराजगी सामने आ रही है। जिसको लेकर अब उच्च शिक्षा निदेशक ने प्राचार्यों को निर्देश दिए हैं।
उच्च शिक्षा निदेशक ने प्राचार्यों को दिए निर्देश में कहा कि इस निर्देश से महाविद्यालय के सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों को अवगत कराते हुए उनके नाम व हस्ताक्षर युक्त प्रति तीन दिन के भीतर निदेशालय को उपलब्ध कराई जाए ताकि आगे से इस तरह से सीधे पत्र लिखने वाले शिक्षकों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए पहले भी जारी हुआ था आदेश
आपको बता दें कि इससे पहले भी 2 जून को आदेश जारी करके यह कहा गया था कि पत्राचार शासकीय नियमों की परिधि में रहते हुए ही किए जाएं। बावजूद इसके कुछ शिक्षक और कर्मचारी नहीं सुन रहे हैं जिसे देखते हुए अब कार्रवाई की बात कही गई है।
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