देहरादून । अभी-अभी संम्पन्न हुए उत्तराखंड के चुनाव में बीजेपी द्वारा कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली है । अंदरखाने कांग्रेस की कलह ही वो वजह निकल कर आ रही है जिससे पार्टी को हार सामना करना पड़ा है । लेकिन बावजूद इसके कांग्रेस की रार ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है हाल ही में रणजीत रावत के द्वारा हरीश रावत पर टिकट के बदले पैसे लेने का आरोप लगाया गया था और साथ ही लालकुआं, सल्ट और रामनगर की सीट हारने का ठीकरा भी रणजीत रावत ने हरीश रावत पर फोड़ा था। इसी के जवाब में अब सोशल मीडिया पर हरीश रावत ने खुद को एक बुराई बताते हुए कांग्रेस पार्टी से खुद के निष्कासन की बात कही है।
#पद और पार्टी टिकट बेचने का आरोप अत्यधिक गंभीर है और यदि वह आरोप एक ऐसे व्यक्ति पर लगाया जा रहा हो, जो मुख्यमंत्री रहा है, जो पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष रहा है, जो पार्टी का महासचिव रहा है और कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य है और आरोप लगाने वाला…1/2 pic.twitter.com/ixicDcSTyz
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) March 15, 2022
आपको बता दें कि ट्विटर और अपने फेसबुक पेज पर हरीश रावत ने लिखा है कि, “पद और पार्टी टिकट बेचने का आरोप अत्यधिक गंभीर है और यदि वह आरोप एक ऐसे व्यक्ति पर लगाया जा रहा हो, जो मुख्यमंत्री रहा है, जो पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष रहा है, जो पार्टी का महासचिव रहा है और कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य है और आरोप लगाने वाला व्यक्ति भी गंभीर पद पर विद्यमान व्यक्ति हो और उस व्यक्ति द्वारा लगाये गये आरोप को एक अत्यधिक महत्वपूर्ण पद पर विद्यमान व्यक्ति व उसके सपोटर्स द्वारा प्रचारित-प्रसारित करवाया जा रहा हो, तो यह आरोप और भी गंभीर हो जाता है। यह आरोप मुझ पर लगाया गया है। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि कांग्रेस पार्टी मेरे पर लगे इस आरोप के आलोक में मुझे पार्टी से निष्कासित करे।
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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लिखा है कि होली बुराईयों के दहन का एक उचित उत्सव है, होलिका दहन के इस अवसर पर हरीश रावत रूपी बुराई का भी इस होलिका में कांग्रेस को दहन कर देना चाहिए।
दोनों के दोस्ती के किस्से बहुत मशहूर थे लेकिन 2022 के चुनाव के दौरान जब रणजीत रावत रामनगर सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में थी तभी हरीश रावत ने वहां से चुनाव लड़ने का मन बना लिया आपको बता दें कि उस समय रणजीत रावत चुप रहे क्योंकि हरदा पार्टी के कैम्पेन कमेटी के हेड थे ।
लेकिन रामनगर पहुँचने के बाद हरदा को यह अहसास हुआ कि उनसे गलती हुई और उन्होंने लालकुआं सीट से चुनाव लड़ा हालांकि इस पर हरीश रावत का कहना है कि यह फैसला पार्टी का था लेकिन फिर भी रणजीत रावत का आरोप है कि हरीश रावत ने कुछ ऐसा गणित लगाया कि रामनगर सीट रणजीत को नहीं मिली और उन्हें सल्ट भेज दिया गया। सीटों की इस उठा-पटक में हरीश रावत और रणजीत रावत दोनों चुनाव हार गए। हरीश रावत नैनीताल जिले की लालकुआं सीट से चुनाव हारे। रणजीत रावत अल्मोड़ा जिले की सल्ट सीट से पराजित हुए नतीजे आने के बाद अब रणजीत रावत ने अपने तीर तरकश से निकालने शुरू कर दिए हैं और हरीश रावत इससे बहुत आहत होकर आलाकमान से स्वयं के निष्कासन की बात कह रहे हैं।
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