देहरादून। (BUDGET UTTARAKHAND) आज शाम चार बजे उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल राज्य का करीब 64,000 करोड़ रुपये का बजट पेश करेंगे। यह बजट सत्र 14 जून से 20 जून तक चलेगा। धामी 2.0 का क्या है होम वर्क? यह सवाल सबके जहन में आ रहा है क्योंकि ये बजट धामी सरकार की दूसरी पारी का पहला बजट है।इस बजट सत्र में उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार कई बिल पास कराने के लिए पटल पर रखने की तैयारी में है। जबकि गैरसैंण के मुद्दे पर विपक्ष सरकार पर हमलावर दिख रहा है।
राज्य के विभिन्न वर्गों के लोगों के लिए हो सकती है कई उपहारों की घोषणा
सत्र के पहले ही दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार विधानसभा के पटल पर वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट प्रस्ताव पेश करेगी। माना जा रहा है कि धामी सरकार बजट में राज्य के विभिन्न वर्गों के लोगों के लिए कई उपहारों की घोषणा कर सकती है। वित्त मंत्री के मुताबिक, बजट में प्रदेश की जनता से लिए गए महत्वपूर्ण सुझावों की झलक दिखाई दे सकती है। भाजपा के चुनाव दृष्टिपत्र में किए गए संकल्पों को भी बजट में उतारने का प्रयास दिखना तय है।
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गैरसैंण में सत्र कराने की सरकार ने की थी घोषणा
उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के दूसरे सत्र में पहले ही दिन गैरसैंण के मुद्दे पर सियासत गर्मा गई। प्रदेश की जनभावनाओं से जुड़े इस मुद्दे पर विपक्ष अपने तेवर दिखाता हुआ नज़र आया। आपको बता दें कि सरकार की ओर से बजट सत्र पहले गैरसैंण में कराए जाने की घोषणा की गई थी। इसकी तिथि भी घोषित कर दी गई थी। लेकिन, बाद में चारधाम यात्रा में प्रशासनिक मशीनरी की व्यस्तता का हवाला देकर सत्र देहरादून में आयोजित कराए जाने की घोषणा की गई।
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गैरसैंण में उपवास करेंगे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पहले ही इस मुद्दे पर सत्र के दौरान गैरसैंण में उपवास रखकर अपना विरोध दर्ज कराने की घोषणा कर चुके हैं। लेकिन दिल्ली में राहुल गांधी के लिए समर्थन जुटाने के चलते कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने अपना घोषित धरना एक दिन के लिए टाल दिया है। अब वह यह धरना 15 जून को करेंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत का यह कहना है कि सरकार लगातार गैरसैंण की उपेक्षा कर रही है। विधानसभा से यह संकल्प पहले ही पारित किया गया था कि बजट सत्र हर बार गैरसैंण में ही होगा। लेकिन अब सरकार की मंशा गैरसैंण को हाशिए पर डालने की दिख रही है।
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बजट में मिल सकती हैं ये सौगातें
1-कृषि सेक्टर को मिल सकता है बड़ा मौका
2-महिला सशक्तिकरण पर दिया जाएगा जोर
3-पर्यटन को मिल सकता है बढ़ावा
4-पलायन रोकने के लिए योजनाएं
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