देहरादून। कैनाल रोड मामलाः पहाड़ काटकर की जा रही अवैध प्लाटिंग के मामले में जिला खनन अधिकारी और भूवैज्ञानिक समेत 4 कर्मियों को डीएम ने निलंबित कर दिया है। सहारनपुर के 69 मिशन कंपाउंड निवासी अनिल कुमार गुप्ता की ओर से कैनाल रोड पर पहाड़ काटकर 14,175 वर्ग मीटर भूमि पर समतलीकरण और पुश्ता निर्माण कराया जा रहा था। मामले में खनिज मोहर्रिर (भूतत्व एवं खनिकर्म इकाई) कुंदन सलाल की ओर से सहारनपुर निवासी आरोपी के खिलाफ डालनवाला कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
प्रशासन की नाक के नीचे होता रहा अवैध खनन
पूरा देहरादून ये जानता है कि यही वो रोड है जहां से शासन-प्रशासन के तमाम बड़े अधिकारी रोजाना गुजरते हैं लेकिन, न जाने उनकी आंखों पर कौन सी पट्टी बंधी थी? न जाने उनकी आंखों पर कौन ता चश्मा चढ़ा था कि उन्हें यह अवैध निर्माण नज़र नहीं आया।
इससे बड़ा कारनामा देहरादून में और क्या हो सकता है कि प्रशासन की नाक के नीचे समतलीकरण की अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी कैनाल रोड पर पहाड़ काटकर 14,175 वर्ग मीटर भूमि पर समतलीकरण और पुश्ता निर्माण कराया जा रहा था। बता दें कि अवैध खनन को लेकर धामी सरकार पर पहले भी उंगलियां उठती रही हैं।
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हैरानी की बात है कि समतलीकरण के नाम पर पूरा पहाड़ खोदकर राजपुर रोड की ज़मीन को कैनाल रोड पर मिला दिया गया । लाखों टन मिट्टी का खनन करके राजपुर रोड मुख्य मार्ग को ख़तरा पैदा कर दिया गया लेकिन प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। यह मामला तब प्रशासन को नज़र आया तब इसकी शिकायतें लगातार पहुंचने लगीं।
औली में तमाम मानक ताक पर रखने वाले गुप्ता बंधुओं से जुड़े हैं तार
दरअसल, इस जमीन की खरीद फरोख्त करने वाले अनिल कुमार गुप्ता कोई और नहीं बल्कि उन्हीं चर्चित भाइयों के जीजा हैं जिनके चर्चे बीते एक दशक में साउथ अफ्रीका से लेकर दुबई, देहरादून और सहारनपुर तक रहे हैं। आपको बता दें कि साउथ अफ्रीका के तत्कालीन राष्ट्रपति के कार्यकाल में इन बंधुओं ने वहां इतना उधम मचाया की राष्ट्रपति तक को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी। अभी उसी मामले में दो भाई जेल में हैं। यही नहीं उत्तराखंड में आये दिन इनके विवाद कभी हरिद्वार तो कभी किसी दूसरे शहर में होते रहे हैं।
बता दें कि कैनाल रोड पर अनिल कुमार गुप्ता की यह जमीन काफी पुरानी है जिस पर लंबे समय से ये लोग कुछ करने की फिराक में थे। अभी कुछ समय पहले इसका भूमि उपयोग परिवर्तन भी कराया गया था। इसके बाद यहां नियम कायदों को ताक पर रखकर जहां पूरा पहाड़ खोद दिया गया तो वहीं हजारों टन मिट्टी भी बराबर कर दी गयी। आपको बता दें कि इस खनन के कारण यानि राजपुर रोड से करीब 30 से 40 फ़ीट नीचे तक पहाड़ काटकर पास की कॉलोनियों के लिए भी अब बहुत खतरा पैदा हो गया है।
कैनाल रोड मामला देहरादूनः चंद अधिकारियों पर गिरी गाज
इस मामले में MDDA के उन चंद कर्मचारियों को नाप दिया गया है जिन्हें ये सेक्टर मिले ही अभी महज महीना भर हुआ था। दोनों सुपरवाइजर अभी कुछ दिन पहले ही इस सेक्टर में आये थे। कैनाल रोड क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग और भूमि कटान की शिकायत पर जिलाधिकारी सोनिका ने शनिवार को मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया।
कैनाल रोड मामला देहरादूनः MDDA नहीं स्वीकृत करेगा मानचित्र
इसके बाद जिला प्रशासन और मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की टीम ने अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त कर निर्माण कार्यों को रुकवा दिया। राजपुर रोड से कैनाल रोड तक 10-15 बीघा पहाड़ी का अवैध कटान करने के मामले में MDDA द्वारा अब बड़ा फ़ैसला लिया गया है। MDDA ने मानचित्र नहीं स्वीकृत करने की बात कही है। इसके साथ ही अवैध बाउंड्रीज़ का भी धवस्तीकरण किया गया ।
प्रथमदृष्टया लापरवाही पाए जाने पर जिला खनन अधिकारी वीरेंद्र सिंह, भूगर्भ वैज्ञानिक अनिल कुमार और एमडीडीए के दो सुपरवाइजर प्यारे लाल व महावीर सिंह को निलंबित करने के निर्देश दिए। उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। जबकि मलाई खाने वाले अभी भी मौज काट रहे हैं।
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