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दिपावली पर की गई आतिशबाजी के चलते बड़े महानगरों ही नहीं उत्तराखंड के शहरों में भी लोगों का दम घुटने लगा है। आतिशबाजी के चलते देहरादून समते कई शहरों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया।
क्या दिल्ली क्या देहरादून? आतिशबाजी के धुंए ने हर शहर का दम घोंटा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक रिपोर्ट बताती है कि दिपावली पर हुआ आतिशबाजी के चलते देहरादून समेत उत्तराखंड के तमाम शहरों और कस्बों में हवा का प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया।
अमर उजाला ने इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट के अनुसार देहरादून में दीपावली के दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI (AQI Of Dehradun)348 तक पहुंच चुका है। वहीं हरिद्वार में हुई आतिशबाजी से AQI 321 दर्ज किया गया जबकि एक दिन पूर्व यह 209 दर्ज किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक दीपावली के दिन शाम को ऋषिकेश में एक्यूआई 257 पर पहुँच गया जो एक दिन पूर्व 136 दर्ज किया गया था। काशीपुर में एक्यूआई 267 दर्ज किया गया जो एक दिन पहले 128 दर्ज किया गया था। जबकि हल्द्वानी में एक्यूआई 251 और रुद्रपुर में 263 दर्ज किया गया।
राजधानी देहरादून में घंटाघर व नेहरू कालोनी में लगाए गए माॅनीटरिंग स्टेशन से एक्यूआई की निगरानी की गई। दीपावली के दिन घंटाघर में जहां एक्यूआई 348 दर्ज किया गया, वही नेहरू कालोनी में अधिकतम एक्यूआई 327 दर्ज किया गया। जबकि एक दिन पूर्व यानी बृहस्पतिवार को एक्यूूआई नेहरू कालोनी में 154 व घंटाघर में 214 दर्ज किया गया था।
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आतिशबाजी के चलते देहरादून और आसपास के आसमान में स्मोग की मोटी परत जमी हुई है। लोगों को खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी प्रदूषित हवा के बीच दिन गुजारना पड़ा। दूसरी ओर दूसरी ओर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि ने बताया कि निजी कंपनी के विशेषज्ञों द्वारा वायु प्रदूषण की निगरानी 11 नवंबर तक लगातार की जाएगी। जहां तक दीपावली पर आतिशबाजी के चलते प्रदूषण स्तर में हुई बढ़ोत्तरी में कमी का सवाल है तो स्थितियों को सामान्य होने में अभी थोड़ा समय लगेगा।
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