आज नाग पंचमी का त्योहार पूरे देश में बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि नाग की पूजा करने से सांपों के कारण होने वाला किसी भी प्रकार का भय खत्म हो जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शु्क्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। यह दिन नाग देवता की पूजा के लिए समर्पित होता है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
नाग पंचमी शुभ मुहूर्त
नाग पंचमी तिथि की शुरुआत- 02 अगस्त सुबह 05 बजकर 13 मिनट से
5 साल की बच्ची ने PM को लिखी चिट्ठी:पूछा- मोदीजी, मेरी पेंसिल-रबर और मैगी क्यों महंगी हुई?
नाग पंचमी तिथि समाप्त- 03 अगस्त सुबह 05 बजकर 41 मिनट तक
जानें अलकायदा सरगना अल जवाहिरी के बारे में सब कुछ, जिसे अमेरिका ने ढूंढकर मार दिया!
ऐसे करें पूजा
इस दिन घर के दरवाजे पर सांप की 8 आकृतियां बनाने की परंपरा है। हल्दी, रोली, अक्षत और पुष्प चढ़ाकर सर्प देवता की पूजा करें। कच्छे दूध में घी और शक्कर मिलाकर नाग देव का स्मरण कर उन्हें अर्पित करें।
नाग पंचमी पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार जनमेजय अर्जुन के पौत्र राजा परीक्षित के पुत्र थे। जब जनमेजय ने पिता की मृत्यु का कारण सर्पदंश जाना तो उसने बदला लेने के लिए सर्पसत्र नामक यज्ञ का आयोजन किया। नागों की रक्षा के लिए यज्ञ को ऋषि आस्तिक मुनि ने श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन रोक दिया और नागों की रक्षा की। इस कारण तक्षक नाग के बचने से नागों का वंश बच गया। आग के ताप से नाग को बचाने के लिए ऋषि ने उनपर कच्चा दूध डाल दिया था। तभी से नाग पंचमी मनाई जाने लगी। वहीं नाग देवता को दूध चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।
काल सर्प दोष निवारण के लिए करें नाग पंचमी के दिन करें उपाय
नाग पंचमी के दिन कुछ लोग काल सर्प दोष निवारण पूजा भी करवाते हैं। नाग पंचमी पर शेष नाग, तक्षक नाग और वासुकी नाग की पूजा की जाती है। वासुकी नाग को भगवान भोलेशंकर अपने गले में धारण करते हैं। मान्यता है कि नागों की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
हमारे Facebook पेज को लाइक करें और हमारे साथ जुड़ें। आप हमें Twitter और Koo पर भी फॉलो कर सकते हैं। हमारा Youtube चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें – Youtube