किच्छा। पिपलिया गांव में गजब हो गया। जिसे ‘मरा’ समझ लिया था वो एकाएक जिंदा सामने आकर खड़ा हो गया। जी, बिल्कुल ऐसा ही हुआ है। दरअसल किच्छा के पिपलिया गांव में एक झोपड़ी में आग लग गई। सूचना पर पुलिस पहुंची तो झोपड़ी में एक जला हुआ शव पड़ा था। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि झोपड़ी में उमाशंकर नाम का साधू रहता था। पुलिस को लगा कि मरने वाला शख्स साधू उमाशंकर है। पुलिस ने शव का अंतिम संस्कार भी करा दिया।
अखबारों में अपनी मौत की खबर पढ़कर कोतवाली पहुंचे साधु उमाशंकर ने बताया कि वह तो दो-तीन महीने से इस गांव में रह ही नहीं रहे थे। ऐसे में झोपड़ी में जलकर मरा व्यक्ति कौन था, यह गुत्थी सुलझाना पुलिस के लिए चुनौती बन गया है।
अखबारों में शनिवार सुबह अपनी मौत की खबर पढ़कर कोतवाली पहुंचे साधु उमाशंकर कोतवाल के मुखातिब होकर बोले, साहब! मैं साधु उमाशंकर हूं। मैं मरा नहीं जिंदा हूं। उमाशंकर ने पत्रकारों को बताया कि वह दो-तीन माह से यहां रह ही नहीं रह रहे थे।