गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए फिर एक बार दो संतों ने अनशन शुरु कर दिया है। ये दोनों संत भी हरिद्वार के उसी मातृ सदन आश्रम में अनशन पर बैठे हैं जहां अब से कुछ दिनों पूर्व स्वामी सानंद अनशन पर बैठे थे और बाद में उनकी मौत हो गई थी।
इस बार स्वामी आत्मबोधानंद और स्वामी पुण्यानंद ने अनशन शुरू कर दिया है। आत्मबोधानंद पहले दिन से ही केवल नींबू पानी, शहद और नमक लेंगे। मातृसदन ने गंगा के लिए अनशन की श्रृंखला आगे बढ़ाने का एलान किया था। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है।
बुधवार को ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद के अनशन पर बैठने के साथ ही पुण्यानंद ने भी अनशन की घोषणा कर दी थी, लेकिन स्वामी शिवानंद के आग्रह पर उन्होंने केवल फलाहार ही लेने का निर्णय लिया।
पुण्यानंद ने कहा है कि वो फिलहाल अन्न का त्याग कर रहें हैं लेकिन यदि अनशन के दौरान आत्मबोधानंद का निधन होता है तो वह उसी दिन से जल का त्याग कर देंगे। पुण्यानंद के बाद ब्रह्मचारी दयानंद अनशन पर बैठेंगे और मांगे पूरी न होने तक बलिदान की यह श्रृंखला निरंतर चलती रहेगी।