उत्तराखंड सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैय्या कराने के लिए कई योजनाएं चला रही है, लेकिन इन योजनाओं का क्या फायदा जब पहाड़ की महिलाओं को इलाज तो क्या एंबुलेंस तक की सुविधा नहीं मिल रही। यमकेश्वर के गंगा भोगपुर मल्ला में प्रसव पीड़ा से तड़पती रंजना नाम की महिला को इलाज के लिए 108 सेवा नहीं मिली। परिजनों ने बताया कि ऋषिकेश की 108 एंबुलेंस सेवा वालों ने कहा कि एंबुलेंस में तेल नहीं है, ये कह कर उन्होंने गांव आने से इनकार कर दिया। परिजन किसी तरह महिला राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश लाए लेकिन वहां भी राहत नहीं मिली। अस्पताल ने ये कहकर महिला को भर्ती करने से इनकार कर दिया कि गर्भस्थ शिशु की स्थिति ठीक नहीं है। बाद में परिजनों ने महिला को एम्स में भर्ती कराया, तब कहीं जाकर महिला को इलाज मिल सका।
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गनीमत रही कि महिला और शिशु की जान बच गई। एम्स में महिला ने सामान्य प्रसूति से शिशु को जन्म दिया। महिला और शिशु दोनों स्वस्थ हैं। आपको बता दें कि उत्तराखंड में 108 सेवा का संचालन करने वाली संस्था का सरकार से अनुबंध 31 मार्च तक बरकरार है, अनुबंध खत्म होने में अभी काफी वक्त है, लेकिन 108 एंबुलेंस वाले मरीजों को लाने ले जाने में आनाकानी कर रहे हैं। पहाड़ी इलाकों में जहां कि लोग अस्पताल आने जाने के लिए 108 सेवा पर ही निर्भर हैं, वहां के लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार वाकई शर्मनाक है।