उत्तराखंड की वीर भूमि का एक और बेटा शहीद हो गया। अल्मोड़ा के भनोली के पालड़ी गांव के रहने वाले लांस नायक सूरज सिंह भाकुनी की उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। सूरज की आखिरी सलाम करने पूरा गांव पहुंचा। आसपास के गांवों से भी लोग सूरज के अंतिम संस्कार में पहुंचे। सूरज अपने परिवार में अकेले कमाने वाले थे और उनकी शादी नहीं हुई थी। उनकी बहन की शादी अभी होनी है।
सूरज को बचपन से सेना में जाने का शौक था। सूरज के परिवार का सेना से पुराना नाता रहा है। 2014 में बीए की पढ़ाई के दौरान सूरज ने नैनीताल में कमरा लिया। सूरज के कमरे में दीवार पर लिखा था, ‘ARMY IS MY LIFE’. जिस वीर युवक के कमरे में ये स्लोगन लिखा हुआ था उस शख्स ने सेना के लिए ही अपनी शहादत दे दी। सूरज के सेना में भर्ती होने के बाद उनके घर वाले खासे खुश थे। सूरज अपने पिता का हाथ बंटा रहे थे। हाल ही में अपना नया घर बनवाया था। अपनी बहन की शादी की तैयारियों में लगे थे। सूरज अपनी बहन की शादी होने तक अपनी शादी नहीं करना चाहते थे।
अपने देश की सेवा और हिफाजत का जुनून लेकर सेना में शामिल हुए सूरज अपना नाम सूरज की ही तरह अमर कर गए। तिरंगे में लिपटा उनका पार्थिव शरीर जब उनके गांव आया तो लोगबाग तो एकबारगी यकीन ही नहीं कर पाए कि उनका सूरज अब इस दुनिया में नहीं रहा।
पूरे सैनिक सम्मान के साथ सूरज का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अपने पीछे सूरज अपनी यादें छोड़ गए हैं। नमन है सूरज को।