चौकीदार चोर है के नारे से नाराज बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बुधवार को एक तरह से उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय पर हमला ही कर दिया। हालांकि बीजेपी कार्यकर्ता प्रदेश कार्यालय के भीतर नहीं पहुंच पाए लेकिन कार्यालय के मेन गेट पर ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच काफी देर तक झड़प होती रही। इस बीच पुलिस पूरी तरह फेल साबित हुई। भगवान का शुक्र रहा कि कोई बड़ी घटना नहीं हुई। जिस समय भाजपाई, कांग्रेस कार्यालय पहुंचे उस समय वहां कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शैलजा भी मौजूद थीं। संभवत ये राज्य में पहला वाक्या है जब किसी राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं ने विपक्षी दल के कार्यालय पर ही हमला बोलने के अंदाज में कूच किया हो।
दरअसल, पीएम मोदी पर आए दिन राहुल गांधी के द्वारा तंज कसे जाने को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस को जवाब देने के लिए विरोध का कार्यक्रम बनाया था। इसके तहत वे दोपहर को राजीव भवन पहुंच गए। वहां कांग्रेस की पत्रकार वार्ता चल रही थी। इस बीच भाजपा के कार्यकर्ताओं ने वहां जाकर नारेबाजी शुरू कर दी। भाजपा कार्यकर्ताओं का नेतृत्व देहरादून के धर्मपुर विधानसभा के विधायक विनोद चमोली कर रहे थे। इतने में ही वहां कांग्रेस के कार्यकर्ता भी पहुंच गए और दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं में माहौल गरमा गया। बात इतनी बिगड़ गई कि दोनों पार्टी के कार्यकर्ता हाथापाई तक उतर आए। मामला अधिक बढ़ने पर पुलिस वहां पहुंची लेकिन स्थिति संभालने में नहीं आई। पुलिस अधिकारियों ने किसी तरह वहां से कार्यकर्ताओं को हटाने का प्रयास किया। इसके बाद महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं ने राजीव भवन के बाहर ही पीएम मोदी को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी।
वहीं इस घटना के बाद बीजेपी महानगर के इस कार्यक्रम पर भी सवाल उठने लगे हैं। क्या बीजेपी ने पहले से ही इस हंगामे की प्लानिंग कर रखी थी? क्योंकि देहरादून महानगर अध्यक्ष विनय गोयल ने एक दिन पहले ही अपने कार्यकर्ताओं को संदेश भेजकर कांग्रेस कार्यालय कूच करने का निर्देश दिया था। वहीं पुलिस के इंतजामों पर भी सवाल उठाए जा रहें हैं। पुलिस को पता होने के बावजूद भी बीजेपी कार्यकर्ताओं को क्यों कांग्रेस कार्यालय तक पहुंचने दिया गया।