विजयादशमी के अवसर पर केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने की दिन और समय तय कर दिया गया। आगामी नौ नवंबर को सुबह साढ़े आठ बजे पूरे विधिविधान के साथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
द्वितीय केदार मद्मेश्वर धाम के कपाट 22 नवंबर को सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर और तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के कपाट 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
दशहरे के मौके पर आज इन तीनों धाम के कपाट बंद होने की तिथि और समय निर्धारित किया गया। सुबह पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ और मार्केण्डेय मंदिर मक्कूमठ में पूजा-अर्चना शुरू हुई। जिसके बाद पंचाग गणना के आधार पर समय व तिथि निर्धारित की गई।
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श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजयदशमी पर्व पर आज ही तय की जाएगी। बदरीनाथ मंदिर परिसर में पूर्वाह्न बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल सहित वेदपाठियों और हक-हकूकधारियों की उपस्थिति में पंचांग से शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि तय की जाएगी।
इसके बाद आगामी वर्ष की तीर्थयात्रा में यात्रा व्यवस्थाओं के लिए मेहता और भंडारी थोक के हक-हकूकधारियों को पगड़ी (जिम्मेदारी) भेंट की जाएगी। बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ का कहना है कि शुक्रवार को ही आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, उद्धव जी व कुबेर जी की उत्सव डोली के जोशीमठ और पांडुकेश्वर आगमन का कार्यक्रम भी घोषित किया जाएगा।