
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि यदि हम वास्तव में स्वच्छता चाहते है व भ्रष्ट्राचार के विरूद्ध लड़ना चाहते हैं तो यह धर्मयुद्ध की तरह है। यदि धर्मयुद्ध की तरह लड़ सके तो जीत मिल सकती है। सरकार को भ्रष्ट्राचार के विरूद्ध धर्मयुद्ध में सबका सहयोग चाहिए। राजनीति और स्वच्छता दोनांे में काफी दुश्मनी मानी जाती है। क्योंकि यहां मोह व लोभ होता है तथा लालच व दबाव देने वाले भी होते है। सरकार में जिम्मेदार लोग भी जनता के बीच से आते है। राजनीति से साफ निकल जाना जैसे काजल की कोठरी में से साफ निकल जाना माना जाता है। प्रबुद्ध लोग भी ऐसा मानते है कि यह वास्तव में काफी कठिन काम है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 नित्यानन्द स्वामी ने राजनीति में शुचिता कायम रखने की भरपूर कोशिश की। हमारी पूरी कोशिश रहती है कि राजनीति में शुचिता बनी रहे तथा राजनीति में शुचिता तभी बनी रह सकती है जब पारदर्शिता हो।
राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य एवं मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को राजभवन प्रेक्षागृह में स्व0 श्री नित्यानन्द स्वामी जी की जयन्ती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। स्व0 श्री नित्यानन्द स्वामी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि स्वामी जी सरल, निश्छल, व्यवहार कुशल, व्यक्तित्व के धनी, बहुप्रतिभावान व मधुरभाषी व्यक्ति थे। उन्होंने उत्तराखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। उनके कन्धों पर नये राज्य को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी थी। स्वामी जी के कार्यकाल में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
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इस मौके पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्या ने कहा कि स्वतंत्रता आन्दोलन में भी स्वामी जी ने अमूल्य योगदान दिया था। उन्होंने भारत छोड़ो आन्दोलन में भी भाग लिया और इसके लिए जेल भी गए। उन्होंने कहा कि स्वामी जी का उद्देश्य केवल न्याय और जनहित रहा। उनके जन्मदिन के अवसर पर निस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए यह सराहनीय कदम है।
इस अवसर पर नित्यानन्द स्वामी जनसेवा समिति द्वारा बछेन्द्री पाल को उत्तराखण्ड गौरव, स्व0 पप्पू कार्की को संगीत अलंकरण, श्रीमती किरन उल्फत गोयल को शिक्षाविद् अलंकरण, श्री पवन अग्रवाल को उद्योग अलंकरण, डा0 रामेश्वर पाण्डेय व डा0 के0 बी0 जोशी को चिकित्सा सेवा अलंकरण से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, स्वामी चिदानन्द सरस्वती भी उपस्थित थे।