रुद्रप्रयाग के जखोली क्षेत्र के लिस्वाल्टा गांव में एक महिला की हत्या के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश भारत भूषण पाण्डेय की अदालत ने दोषी पाए गए दो लोगों को फांसी की सजा सुनाई है। ये पहला मामला है जब रुद्रप्रयाग में किसी को फांसी की सजा सुनाई गई है। इसी मामले में दोषी पाए गए दो अन्य को 3-3 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
2017 के अप्रैल महीने में लिस्वाल्टा की विवाहिता सरोजनी देवी को घर में अकेला पाकर दोषियों ने उनकी हत्या कर दी और जेवरात लूट लिए। हत्या के बाद सरोजनी देवी के शव को उनके घर के ही पीछे जमीन में दबा दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने तेजी से छानबीन की और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में सत्येश उर्फ सोनू पुत्र दिल्लू लाल, निवासी कोटली थाना थराली जिला चमोली और मुकेश थपलियाल पुत्र गीताराम थपलियाल जयंती जखोली तहसील को गिरफ्तार किया था। इन्हीं दोनों की निशानदेही पर दो ज्वैलर्स को भी गिरफ्तार किया था जिन्होंने लूटे गए जेवरात खरीदे थे।
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रुद्रप्रयाग में ऐसा ये पहला वाक्या है जब किसी को फांसी की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने इसे जघन्य अपराध माना है। गौरतलब है कि मुकेश का आपराधिक इतिहास रहा है। वो पहले ही हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा पा चुका है। वहीं दूसरा शख्य सत्येश उर्फ सोनू भी आपराधिक किस्म का है।