
मिशन दल ने बताया कि हरिद्वार और ऋषिकेश में अप्रैजल का कार्य पूरा कर लिया गया है। अप्रैजल रिपोर्ट केएफडब्लू को सौंपी जाएगी। दिसंबर में जल संसाधन मंत्रालय और केएफडब्लू के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हो जाने की संभावना है। जर्मनी के विशेषज्ञों की देखरेख में 15 एसटीपी के निर्माण और 10 नेटवर्किंग का कार्य किया जाएगा। इसके अलावा शुद्ध पेयजल के लिए भी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। दूसरे चरण में अन्य शहरों को भी लिया जाएगा।
मुख्य सचिव ने केएफडब्लू के मिशन दल को हरिद्वार में लगने वाले अगले कुम्भ के पहले गंगा नदी को स्वच्छ बनाने के राज्य सरकार के संकल्प से अवगत कराया। उन्होंने अनुरोध किया कि केएफडब्लू 2022 तक अपनी परियोजना पूरी कर ले। इसके लिए राज्य सरकार सहयोग करेगी।
बैठक में केएफडब्लू की साउथ एशिया हेड कार्ला बर्क, सचिव पेयजल श्री अरविंद सिंह ह्यांकी, परियोजना निदेशक नमामि गंगे श्री राघव लांगर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।