देहरादून। गन्ना किसानों के बकाया भुगतान की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने विधानसभा के पास धरना दिया। हालांकि हरीश रावत ने पहले ऐलान किया था कि वो विधानसभा के सामने धरना देंगे लेकिन सरकार ने उन्हें विधानसभा तक आने की इजाजत नहीं दी। लिहाजा हरीश रावत विधानसभा से लगभग आधा किलोमीटर दूर धरने पर बैठे।
हरीश रावत ने आरोप लगाया कि त्रिवेंद्र सरकार ने अब तक गन्ना किसानों का बकाया भुगतान नहीं किया है। जबकि बीजेपी ने चुनावों से पहले वादा किया था कि वो 15 दिनों के भीतर गन्ना किसानों का बकाया भुगतान कर देगी। हरीश रावत ने त्रिवेंद्र सरकार पर किसानों से वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया है।
हरीश रावत के धरने को लेकर सुबह से ही सियासी हलचल थी। हरदा के धरना स्थल पर बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेता पहुंचे। वहीं सदन में भी हरीश रावत के धरने की गूंज सुनाई दी। कांग्रेस के विधायकों ने सरकार के खिलाफ जमकर हंगामा किया। विपक्ष लगातार इस मसले पर नियम 310 या पिर नियम 58 के तहत चर्चा कराने की मांग करता रहा। मांग अनसुनी होने से आखिरकार विपक्ष ने सदन का वॉकआउट कर दिया। इस हंगामे की वजह से सदन की कार्रवाई बाधित भी हुई।
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