उत्तराखंड ने एक बार फिर एक हृदय विदारक दृश्य देखा। ये दृश्य देख सभी की आंखें छलक पड़ीं।
इंफाल (मेघालय) में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए असम रायफल्स के हवलदार जसपाल सिंह की चिता को उनके छह वर्षीय पुत्र आकाश ने अग्नि दी। ये देख सभी भावुक हो गए।
सोमवार को सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि कर दी गई। आरवीएस हेमपुर डिपो से आई गारद ने शहीद जसपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
मूलरूप से ग्राम मजेडा, गौरीखाल, पौड़ी गढ़वाल निवासी जसपाल सिंह 27 असम रायफल्स में हवलदार के पद पर तैनात थे। 19 जनवरी को दोपहर 3:10 बजे पर वह इंफाल स्थित ट्रांजिट कैंप में एल्युमीनियम की सीढ़ी एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा रहे थे। संतुलन बिगड़ने के कारण सीढ़ी ऊपर से गुजर रही हाइटेंशन लाइन से टकरा गई, जिससे जसपाल की मौके पर ही मौत हो गई।
उनके भाई हवलदार हर्षपाल भी इसी यूनिट में कार्यरत हैं। हर्षपाल 14 जनवरी से ट्रेनिंग के लिए असम आए हुए थे। वहीं उन्हें अपने भाई की मौत की खबर मिली। यूनिट से हवलदार शिवराज सिंह शहीद जसपाल के पार्थिव शरीर को लेकर सोमवार सुबह 5:30 बजे काशीपुर में सैनिक कॉलोनी स्थित उनके आवास पर पहुंचे। शव पहुंचते ही श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया।
27 असम रायफल्स के शहीद हवलदार जसपाल की पारिवारिक पृष्ठभूमि सेना की रही है। उनके पिता राजेंद्र सिंह वर्ष 1995 में सेवानिवृत्त हुए थे। उनके दोनों पुत्र जसपाल और हर्षपाल 27 असम रायफल्स में तैनात हुए। दोनों भाई एक माह के अंतराल से सेना में भर्ती हुए। जसपाल व उसके भाई हर्षपाल का परिवार पांच वर्ष पूर्व गौरीखाल से काशीपुर आ गया था।