धन्य धन्य है उत्तराखंड के वीर सपूत की वो मां जो अपने बेटे का शव देखकर भी अपने बेटे की शहादत को आंसूओं के सैलाब में डुबाना नहीं चाहती। धन्य धन्य है वो मां जो अपने सरहद पर शहीद हुए बेटे का शव देखकर अपने आसपास के लोगों से कहती है कि उसका बेटा मरा नहीं है, अमर हो गया है।
कश्मीर के उरी सेक्टर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए राइफल मैन प्रदीप सिंह रावत का पार्थिव शरीर जब ऋषिकेश स्थित उनके घर पहुंचा तो एक तरफ तो बेटे, पति, भाई के खोने का गम था तो दूसरी ओर अपने बेटे के अमर शहीद हो जाने का गर्व था। प्रदीप की मां ने तिरंगे में लिपटे अपने बेटे के शव को देखा तो बिलख तो जरूर पड़ीं लेकिन यही कहती रहीं कि उनका बेटा भारत मां की सेवा करते हुए अमर हो गया। शहीद की पत्नी नीलम रावत बिलख बिलख कर रोतीं रहीं तो प्रदीप की तीन बहनें भी अपने भाई को खोकर गमजदा हो गईं।
उत्तराखंड के वीर सपूत राइफल मैन प्रदीप सिंह रावत की अंतिम यात्रा जब निकली तो मानों समूचा ऋषिकेश थम सा गया। मंगलवार सुबह तकरीबन साढ़े नौ बजे बलिदानी प्रदीप सिंह रावत की अंतिम यात्रा निकली। तीर्थनगरी मानों अपने बेटे को खोने के शोक में डूब गई। हर दुकान बंद, हर गतिविधि ठप, लोगबाग बस शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल भर हो जाना चाहते थे। प्रदीप तुम अमर रहो और भारत माता जी जय के नारों के साथ शहीद की अंतिम यात्रा आगे बढ़ती गई और लोगों का हुजूम बढ़ता गया। पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे और प्रदीप तुम अमर रहो के नारों का शोर और बढ़ता गया। सांसद रमेश पोखरियाल निशंक समेत तमाम गणमान्य लोगों ने भी शहीद को अंतिम प्रणाम किया।
आखिरकार प्रदीप रावत का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ कर दिया गया।