उत्तराखंड के खिलाड़ी सरकारी नौकरी नहीं चाहते हैं। खेलमंत्री अरविंद पांडेय के दिए एक बयान से तो यही लगता है।
दरअसल गुरुवार को विधानसभा की कार्रवाई के दौरान कांग्रेस के विधायक मनोज रावत ने खेल मंत्री से जानना चाहा कि पिछले तीन सालों में कितने खिलाड़ियों को सरकार ने नौकरी दी।
इस सवाल के जवाब में खेल मंत्री अरविंद पांडेय ने बताया कि पिछले तीन सालों में किसी भी खिलाड़ी को रोजगार नहीं दिया गया। खेल मंत्री के मुताबिक पिछले तीन सालों में कुछ खिलाड़ियों से रोजगार के लिए संपर्क किया गया तो खिलाड़ियों ने मना कर दिया।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को राज्य में सरकारी, अर्ध सरकारी विभागों और शिक्षण संस्थानों में नौकरी दिए जाने का प्रावधान है।