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देहरादून के पेस्टल वीड डे बोर्डिंग में नौवीं की एक छात्रा के साथ शारीरिक शोषण का मामला सामने आया है। इस मामले में बाल आयोग ने स्कूल कैंपस का मुआयना किया है और स्कूल प्रबंधन को कड़ी फटकार लगाई है। बाल आयोग ने ये कार्रवाई नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (NAPSR) की शिकायत के बाद की है। वहीं पुलिस ने इस मामले में शिकायत मिलने के बाद तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी स्विमिंग ट्रेनर को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। हालांकि स्कूल के प्रिंसीपल और मैनेजर अब भी आजाद हैं।
पेस्टल वीड स्कूल का मुआयना करने पहुंची टीम ने स्कूल में कई खामियां पाईं हैं। स्कूल में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगें हैं। जिस स्वीमिंग पूल के पास ये स्वीमिंग ट्रेनर ने वारदात को अंजाम दिया वो पूल स्कूल की मुख्य सतह से 170 से अधिक सीढ़ियां नीचे उतर कर बनाया गया है। वहां कैमरे भी नहीं है।
वहीं NAPSR ने इस मसले पर बाल आयोग और सीबीएसई को ज्ञापन सौंपा है। हालांकि वैधानिक कार्रवाई का हवाला देकर सीबीएसई ने इस मसले पर कोई एक्शन लेने से फिलहाल मना कर दिया है। वहीं NAPSR के प्रतिनिधियों का आरोप है कि इस पूरे मामले में स्कूल प्रबंधन की भूमिका संदिग्ध रही है। स्कूल प्रबंधन ने मामले को दबाने की कोशिश भी की। NAPSR ने मांग की है कि स्कूल प्रबंधन को भी मामले को दबाने की कोशिश की सजा मिलनी चाहिए साथ ही स्कूल की मान्यता रद्द होनी चाहिए। वहीं बाल आयोग की ओर से भी अब एसएसपी देहरादून को स्कूल के प्रिंसीपल और प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है।
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