हल्दवानी समेत पूरे उत्तराखंड को हिला कर रख देने वाले गोरापड़ाव हत्याकांड के मामले में पुलिस अब तक कोई बड़ी लीड नहीं ले पाई है। पुलिस इस हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने की लाख कोशिश कर चुकी है लेकिन अब तक उसे सफलता नहीं मिली है। वहीं अब पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को पॉलीग्राफी टेस्ट की तैयारी की है। पुलिस ने इस हत्याकांड के खुलासे के लिए दो युवतियों और एक युवक को सीजेएम कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने अदालत से तीनों के लाई डिटेक्टर टेस्ट (पॉलीग्राफ टेस्ट) की अनुमति मांगी। अदालत ने तीनों के बयान के आधार पर पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति दे दी है।
27 अगस्त की रात में गोरा पड़ाव में हमलावरों ने घर में घुसकर एक महिला की हत्या कर दी थी। हत्यारों ने बेटी पर भी हमला किया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी। हत्यारों ने घर के पालूत कुत्ते की भी हत्या कर दी थी। हत्याकांड के खुलासे के लिए पुलिस ने विभिन्न गैंगों के सदस्यों, चालकों, ट्रांसपोर्ट से जुडे़ लोगों, मजदूरों समेत पांच सौ अधिक लोगों से पूछताछ की थी। करीब छह सौ लोगों के मोबाइल भी सर्विलांस पर लगाए गए थे लेकिन पुलिस हत्यारों तक नहीं पहुंच सकी।
इसके बाद हाईकोर्ट ने हत्याकांड में स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार को एसआईटी के गठन का आदेश दिया था। डीजीपी ने एएसपी अमित श्रीवास्तव के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था। इस मामले में दो युवतियों और एक युवक ने पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए पुलिस को सहमति दी थी। एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव ने बताया कि हत्याकांड के खुलासे के लिए तीन लोगों को कोर्ट में पेश कर बयान दर्ज कराया गया।