पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बनी थाईलैंड की गुफा में से मंगलवार को तीसरे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन में कोच समेत सभी 12 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बच्चों को गुफा से बाहर निकालने के लिए उन्हें गोताखोरी के सामान्य मास्क की बजाय पूरे चेहरा ढकने वाले मास्क पहनाए गए थे ताकि उन्हें कम से कम डर लगे। सामान्य मास्क सिर्फ आंखों और नाक को ढकते हैं।
बाहर लाने से पहले विशेषज्ञ गोताखोरों ने बच्चों को कीचड़ से भरी गुफा से निकलने के लिए तैयार किया। कीचड़ वाले पानी में घुसते समय हर बच्चे के साथ दो गोताखोर थे। बच्चों से एक गाइड रोप के जरिये खुद को आगे की तरफ खींचने के लिए कहा गया। कभी-कभी गोताखोरों को खुद भी उन्हें पकड़कर खींचना पड़ा
घुमावदार रास्तों से घिसट-घिसटकर चलने और एक मील से ज्यादा दूरी तक चट्टानों पर चलने के बाद बच्चे उस ‘चोक स्पॉट’ पर पहुंचे जहां एक थाई गोताखोर की मौत हो गई थी। यह एक बेहद संकरा रास्ता है जिसमें पहले सीधी चढ़ाई है और फिर वैसी ही सीधी ढलान। यहां गोताखोरों को अपनी पीठ से टैंक तक उतारने पड़े। लिहाजा अपने टैंकों को खींचने के साथ ही उन्हें यहां बच्चों को भी गाइड करना पड़ा। एक गोताखोर ने बताया कि सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि बच्चे डरें नहीं।