श्रीनगर से एनआईटी को शिफ्ट करने का काम शुरु हो गया है। यहां पढ़ने वाले शिक्षक और कर्मचारियों की पहली खेप रविवार की सुबह जयपुर के लिए रवाना हो गई। हालांकि एनआईटी प्रबंधन इस बारे में कुछ भी खुल कर नहीं बता रहा है। यहां तक कि शिक्षक और कर्मचारियों की संख्या के बारे में भी नहीं बताया जा रहा है।
एमएचआरडी ने एनआईटी उत्तराखंड से करीब 500 छात्रों को एनआईटी जयपुर स्थानांतरित किए जाने का निर्णय लिया था। यहां अध्ययनरत छात्र अस्थायी परिसर को स्थानांतरित किए जाने की मांग के लिए दिल्ली जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। एमएचआरडी ने छात्रों से जयपुर के लिए विकल्प मांगा था।
एनआईटी के कुलसचिव कर्नल सुखपाल ने बताया कि छात्रों व एमएचआरडी के बीच सीधा संवाद हुआ है। कितने छात्रों ने जयपुर का विकल्प भरा है। इसकी जानकारी उनको नहीं है। हालांकि कुलसचिव कर्नल सुखपाल ने रविवार को कुछ शिक्षकों व कर्मचारियों के जयपुर रवाना होने की पुष्टि की है। कुलसचिव ने बताया कि कुछ शिक्षक व कर्मचारी एक माह के लिए जयपुर जा रहे हैं।
हालांकि उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र रावत लगातार ये कहते रहें हैं कि एनआईटी को श्रीनगर से शिफ्ट नहीं किया जाएगा लेकिन हालात देखकर साफ लग रहा है कि एनआईटी फिलहाल तो शिफ्ट ही हो जाएगा। स्थानीय लोगों की नाराजगी से बचने के लिए सरकार इस बारे में खुल कर नहीं बोल पा रही है लेकिन बड़ा सवाल यही है कि जब बच्चे, शिक्षक और कर्मचारी ही नहीं रहेंगे तो किस बात का एनआईटी। स्थानीय लोगों में त्रिवेंद्र सरकार को लेकर खासी नाराजगी है। एनआईटी को शिफ्ट किए जाने के खिलाफ लोगों में आक्रोश पनप रहा है।