
पखवाड़े भर के आंदोलन के बाद भी मांग पर सुनवाई नहीं होने से मंगलवार को एनआईटी उत्तराखंड के करीब 900 छात्र-छात्राओं ने कैंपस छोड़ दिया। छात्र हॉस्टल के कमरों में ताले डालकर चले गए।
सभी छात्र एनआईटी स्थायी कैंपस के निर्माण और नया कैंपस बनने तक सुविधाजनक स्थान पर शिफ्ट किए जाने की मांग के लिए बीते कई दिनों से कक्षाओं का बहिष्कार कर रहे थे।
विगत तीन अक्तूबर को एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) हॉस्टल से लैब की ओर जाते हुए दो छात्राओं को बदरीनाथ हाईवे पर एक बेकाबू कार ने टक्कर मार दी थी। इस दुर्घटना में एक छात्रा गंभीर घायल हो गई थी, जिसका अस्पताल में उपचार चल रहा है।
कैंपस हॉस्टलों में ताले लगा दिए
घटना से आक्रोशित संस्थान के लगभग 980 छात्र-छात्राएं (बीटेक, एमटेक व पीएचडी) चार अक्तूबर से कक्षाओं का बहिष्कार कर रहे थे।
इस बीच नवरात्र की छुट्टियों के चलते कई छात्र अवकाश पर चले गए थे, लेकिन मंगलवार सुबह अचानक छात्र-छात्राएं अपना सामान लेकर हॉस्टल से बाहर निकल आए और वाहनों में सवार होकर चले गए।
कुछ ही छात्रों ने बाहर जाने की सूचना रजिस्टर में दर्ज कराई। छात्रों ने कहा कि वह तभी लौटेेंगे जब उन्हें सुविधाजनक स्थान आवंटित किया जाएगा। इधर, संस्थान के अधिकारियों का कहना है कि छात्रों ने उनको हॉस्टल छोड़ने की कोई सूचना नहीं दी है। अलबत्ता बीटेक चतुर्थ वर्ष के छात्रों को भविष्य देखते हुए कक्षाओं में लौटने का अनुरोध किया गया है।