फर्जी/अमान्य डिग्री मामले में बर्खास्त किए गए 80 शिक्षकों के खिलाफ वैधानिक तरीके से कार्रवाई करने के लिए फिलहाल उन्हें बहाल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हाईकोर्ट ने बिना प्रक्रिया का पालन किए शिक्षकों को बर्खास्त करने पर नाराजगी जताते हुए सरकार को इस बाबत आदेश दिए थे।
एक प्रमुख समाचार पत्र के मुताबिक डा. आर मीनाक्षी सुंदरम (सचिव, शिक्षा) ने स्पष्ट किया कि कोर्ट के आदेश पर बर्खास्तगी में हुई प्रक्रियागत खामी को सुधारने के लिए ऐसा किया जा रहा है। शिक्षकों के जवाब मिलने के बाद एसआईटी जांच में सामने आए तथ्यों के अनुसार आगे की कार्रवाई होगी।
कोर्ट ने कहा कि शिक्षकों को बर्खास्त करने से पहले अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाना चाहिए था। शिक्षकों को नोटिस दिए बिना एकतरफा कार्रवाई की गई। आरोपी शिक्षकों का पक्ष भी सुना जाना चाहिए था। कोर्ट ने विभाग को तय प्रक्रिया का पालन करने के आदेश दिए थे।
एसआईटी के सत्यापन में शिक्षकों की डिग्री अमान्य मिलने का सिलसिला थम नहीं रहा है। हरिद्वार, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग के तीन और शिक्षकों की डिग्री अमान्य पाई गई है। अब इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की संस्तुति की जा रही है। अमान्य डिग्री वाले शिक्षकों का आंकड़ा 69 तक पहुंच गया है। जबकि 20 हजार से अधिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन होना बाकी है।