उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का आज जन्मदिन हैं। उत्तराखंड पोस्ट परिवार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बेहतर स्वास्थ्य और दीर्घायु रहने की कामना करता है।
मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद से अपने 20 माह के कार्यकाल में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए जीरो टोलरेंस की नीति पर चलते हुए न सिर्फ भ्रष्टाचार पर रोक लगाई बल्कि भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे भी भेजा।
अफसरशाही पर कसी नकेल | मुख्यमंत्री ने इस दौरान कई मौकों पर अधिकारियों को भी नसीहत दी कि वे नई कार्य संस्कृति के अनुरूप अपने अनुभवो का समावेश करते हुये तत्परता के साथ विकास कार्यो को निर्धारित समय सीमा मे पूरा करें। साथ ही हिदायत दी कि सरकारी धन का दुरूपयोग किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जायेगा।
माफियाराज खत्म, कानून का राज स्थापित किया | मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र कहते हैं कि उत्तराखण्ड में हमारा पहला दायित्व कानून का राज स्थापित करना है। माफिया से राज्य को बचाना है। हमारी सरकार को बीस महीने हो चुके है। अभी तक ट्रांसफर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार से संबंधित राज्य में किसी भी प्रकरण की कोई भी शिकायत नहीं आयी है।राज्य में ट्रान्सफर पोस्टिंग का उद्योग बन गया था, हमने इस पर रोक लगायी तथा राज्य में पनप रहे इस उद्योग को समाप्त किया है। यही नहीं खनन माफिया भू माफिया पर भी अंकुश लगया है। इस अवधि में खनन से होने वाली आय को 410 करोड़ से 820 करोड़ किया है, पहले ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य को 287 करोड़ का घाटा हो रहा था, हमने इस घाटे में एक वर्ष में 237 करोड़ रुपये कम किया है।
मुख्यमंत्री बताते हैं कि राज्य में पहले एक वर्ष में 22 हजार हड़ताले धरने होते थे, हमने इस पर रोक लगायी है। धरना प्रदर्शन राज्य के विकास के लिए बाधक है, हमने समस्याओं के समाधान के लिये संगठनों के साथ टेबल पर बैठकर बातचीत के जरीये इसके समाधान के रास्ते निकाले तथा समस्याओं का समाधान किया।
पलायन की समस्या का हाल, रोजगार के नए अवसर | पलायन की समस्या के समाधान पर बात करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि राज्य में अधिक से अधिक उद्योगों की स्थापना कर अधिक से अधिक रोजगार की सम्भावाए तलाशी जा रही है, उद्योगों को अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने तथा समस्याओं के त्वरित निदान, बेहतर कानून व्यवस्था, फ्रैडली एटोमोस्फेयर, अधिकारियों का सम्मानजनक एवं सहयोगात्मक व्यवहार के माध्यम से बेहतर ओद्यौगिक वातावरण स्थापित किया जा रहा है। राज्य में एक माह में 05 कैबिनट बैठकें आयोजित कर उद्योगों के अनुकूल 15 तरह की नीतिया लागू की गयी है, इसका लाभ भी राज्य को मिलने लगा है, 40 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव पर्वतीय क्षेत्रों के लिये प्राप्त हुये है, जब कि 17 सालों में 37 हजार करोड़ के ही प्रस्ताव प्राप्त हुये थे। राज्य में अब तक 1.25 लाख करोड़ के निवेश के प्रस्तावों पर हस्ताक्षर हुये है। जिनका हर सप्ताह फॉलो अप किया जा रहा है। राज्य में मार्च 2019 तक 30 हजार करोड़ के इन्वेस्टमेंट की रिक्वारमेंट आयी है तथा 04 हजार करोड के प्रस्ताव पुराने उद्योगों के सक्सपेटेशन से संबंधित प्रस्ताव भी प्राप्त हुये है। अभी तक राज्य के तराई आदि क्षेत्रों में ही इन्वेस्टमेंट के प्रस्ताव आते थे, आज पहाड़ो में भी निवेश के प्रस्तावों पर हस्ताक्षर हुये है।