प्रदेश मंत्रिमंडल की शुक्रवार को प्रस्तावित बैठक में आंदोलित कर्मचारियों की मांगों पर फैसला हो सकता है। घाटे में चल रहीं चीनी मिलों को बेचने, आउटसोर्स करने या पीपीपी मोड पर संचालित करने का प्रस्ताव भी कैबिनेट में आ सकता है।
आयुष्मान योजना के तहत कर्मचारियों को शामिल करने की नियमावली पर भी बैठक में मुहर लग सकती है। इसके अलावा नई आबकारी नीति भी मंत्रिमंडल के समक्ष आ सकती है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्ष में होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में आंदोलनरत कर्मचारियों की 10 मांगों पर मंत्रिमंडल चर्चा करेगा। माना जा रहा है कि भत्तों समेत कुछ अन्य मांगों पर मुहर लग सकती है।
वहीं, भवन निर्माण से संबंधित कुछ नीतिगत संशोधन भी मंत्रिमंडल के समक्ष लाए जा सकते हैं, हालांकि विभागीय मंत्री मदन कौशिक के राज्य से बाहर होने के चलते इसे टाला भी जा सकता है।
दो चीनी मिलों को बंद कर उनको बेचने पर निर्णय भी लिया जाना है। संभावना है कि चीनी मिलों को पीपीपी मोड पर देने का फैसला लिया जाएगा। सरकार कुछ नए तकनीकी संस्थानों पर भी मुहर लगा सकती है। इसके अलावा अगले वित्तीय वर्ष के लिए आबकारी नीति पर भी चर्चा होगी