मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को अपने विधानसभा की सड़कों की याद आई लिहाजा मंगलवार को सीएम आवास से डोईवाला के भोगपुर तक पड़ने वाले पुलों और सड़कों की स्थिती का जाएजा लेने निकल पड़े। सीएम का काफिला दौड़ा तो अधिकारी कर्मचारी भी भागे। आनन फानन में सीएम ने कई जगहों पर सड़कों में दरारें देख लीं, पुलों के आसपास का मुआयना भी कर लिया।
सीएम ने लगे हाथ अधिकारियों को ताकीद कर दी कि तुरंत सीएम आवास से भोगपुर तक की सड़क को दुरुस्त कर दिया जाए। दरारों को भरा जाए रास्ता सुगम बनाया जाए।
अच्छा है, होना भी चाहिए। सीएम का विधानसभा क्षेत्र है तो काम तो होना ही चाहिए लेकिन सीएम साहब से राज्य की जनता ये जरूर पूछना चाहती है कि लगातार हो रही बारिश से पहाड़ों में हालात कई जगहों पर बेहद खराब हो चलें हैं। लोग बाग रस्सियों के सहारे हाइवे पार करने के लिए मजबूर हैं, पुल टूट गए हैं और या तो आम लोगों ने खुद ही व्यवस्था कर ली या देश दुनिया से कट गए, इन इलाकों में लोगों की दिक्कतें कौन दूर करेगा?
यमुनोत्री हो, घनसाली हो, बदरीनाथ हाइवे हो, चमोली के कई इलाके हों, कई जगहों पर सड़क बह चुकी है, पुल टूट चुके हैं, बोल्डर गिर रहें हैं, पर काम वही सुस्त रफ्तार से चल रहा है।
फिर छह दिनों से देहरादून के रायवाला इलाके में सौंग नदी की बाढ़ में फंसे लोगों तक तो ठीक तरीके से रसद पहुंच नहीं पाई लेकिन दावा यही है कि आपदा प्रबंधन का विभाग काम कर रहा है।