उत्तराखंड में ये क्या हो रहा है? क्या इसी तरह से राज्य में बेटियों और महिलाओं की सुरक्षा होगी? ये सवाल आज हर उत्तराखंडी त्रिवेंद्र सरकार से पूछ रहा है। उत्तराकाशी में एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी गई। घटना डुंडा ब्लाक की है। वहशियों ने नाबालिग दलित लड़की का शव मोटर पुल पर ही फेंक दिया।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार की बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार 12 साल की एक दलित बच्ची अपने घर में सो रही थी। इसी दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने घर की बिजली काट दी और बच्ची को उठा ले गए। बच्ची के माता पिता मानसिक रूप से कमजोर हैं लिहाजा उन्हें इस घटना की भनक नहीं लगी।
शनिवार की सुबह तड़के लोगों ने देवीधार- रनाड़ी मोटर मार्ग पर बच्ची का क्षत विक्षत शव मिला। बच्ची के पूरे शरीर पर जख्मों के निशान थे। बच्ची का शव देखकर इस बात का अंदाज लगाया जा सकता है कि उसके जिस्म को किस तरह से नोंचा गया होगा। छोटी सी बच्ची को वहशियों ने कितनी यातना दी होगी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
इलाकाई लोगों की मानें तो इस विभत्स घटना को अंजाम देने वाले बिहार मूल के मजदूर हैं जो काफी वक्त से क्षेत्र के ही एक बीएड कॉलेज में मजदूरी कर रहे थे। ये पांचों मजदूर शुक्रवार को ठेकेदार से हिसाब कर निकले थे औऱ शनिवार को देहरादून के लिए निकल गए थे। इसी सूचना के आधार पर टिहरी पुलिस ने पांच मजदूरों को संदेह के आधार पर गिरफ्तार भी कर लिया है।
वहीं उत्तरकाशी में इस घटना के बाद जबरदस्त तनाव है। लोग नाराज हैं, पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी हो रही है। लोग ऐसे मजदूरों के वैरिफिकेशन कराने की मांग कर रहें हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस ने अगर वैरिफिकेशन के काम को सही तरीके से अंजाम दिया होता तो शायद ये घटना न होती। वहीं पुलिस दावा कर रही है कि जल्द ही घटना का खुलासा कर देगी। फिलहाल तनाव को देखते हुए उत्तरकाशी और चमोली समेत कुल पांच जिलों में इंटरनेट सेवा को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया है।
वहीं इस घटना के बाद लोग राज्य सरकार पर भी जमकर बरसे हैं। लोग कानून व्यवस्था की बुरी हो चली हालत पर सवाल उठा रहें हैं।