देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कांग्रेस के कद्दावर नेता और चकराता से विधायक प्रीतम सिंह के बीच हुई मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब आला नेतृत्व ने हाल ही में पार्टी के पदाधिकारियों के नामों की घोषणा की है। कांग्रेस आला कमान ने प्रदेश अध्यक्ष, नेता और उपनेता प्रति पक्ष के नामों का एलान किया था। जिसमें गुटबाजी को दरकिनार कर दिया गया है।
राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन में रहने वाले लोग कभी अपनों से तो कभी विरोधियों से मिलते ही रहते हैं। लेकिन कुछ मुलाकातों की टाइमिंग ऐसी होती है जिससे फिजा में तरह-तरह सवाल तैरने लगते हैं और उनके मायने तलाश किए जाने लगते हैं। और शायद यही वजह है कि इस मुलाकात के कई मायने तलाशे जा रहे हैं।
प्रीतम सिंह का खेमा यशपाल आर्य, भुवन कापड़ी, करण माहरा को तवज्जो देने से ही भड़क उठा। कई लोगों के इस्तीफों ने प्रीतम खेेमे की नाराजगी पर मुहर भी लगा दी। ये नाराजगी न हो शायद ये भी एक बड़ी वजह थी कि आला नेतृत्व को फैसला सुनाने में इतना वक्त लगा।
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पार्टी में तवज्जो न मिलने से ख़फा हैं प्रीतम
प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मुलाकात करके कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे दिया है। हालांकि इस मुलाकात के बारे में प्रीतम और मुख्यमंत्री दोनों के करीबी लोगों का कहना है कि चर्चा राज्य के विकास और बेहतरी को लेकर हुई। लेकिन मुलाकात जिस हालात में हुई उसको लेकर ये मानाजा रहा है कि प्रीतम अपने और अपनों के लिए सियासी जमीन तलाश करने में जुटे हैं।
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