देहरादून। देहरादून में स्थित दरबार साहिब श्री गुरु राम राय महाराज परिसर में आस्था और श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। ऐतिहासिक दरबार साहिब में आज विधि-विधान के साथ 90 फीट ऊंचे श्री झंडे जी का आरोहण किया गया। ऐतिहासिक झंडे जी मेला का आरोहण श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज की अगुवाई में हुआ। श्री झंडे जी के आरोहण के दौरान गुरु महिमा के जयकारे शहर भर में सुनाई दिए।
इस दौरान सीमित संख्या में देश के विभिन्न राज्यों जैसे पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से सीमित संख्या में लोग श्री झंडे जी के आरोहण का साक्षी बनने पहुंचे। सबसे पहले दूध, दही, घी, मक्खन, गंगाजल और पंचगव्यों से नए श्री झंडे जी को स्नान कराया गया। विधिवत वैदिक विधान से पूजा अर्चना के बाद अरदास हुई। सुबह करीब दस बजे से श्री झंडे जी यानी पवित्र ध्वजदंड पर गिलाफ चढ़ाने का कार्य शुरू किया गया।
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फिर श्री झंडे जी का विधिवत आरोहण किया गया। ऐतिहासिक मेले के लिए 90 फीट ऊंचा ध्वजदंड कंधों पर उठाकर संगत पहुंची थी। इस साल दिल्ली निवासी बलजिंदर सिंह सैनी ने झंडे जी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाया। उनके परिजनों की ओर से कराई गई बुकिंग के आधार पर इस वर्ष 100 साल बाद बलजिंदर सिंह और उनके परिजनों को यह मौका मिला है। वहीं, 24 मार्च को ऐतिहासिक नगर परिक्रमा होगी।
इस साल श्री दरबार साहिब में भित्ति चित्र भी विशेष आकर्षण का केंद्र हैं। इन भित्ति चित्रों को पानी, धूल, प्रदूषण धूप से बचाने के विशेष तकनीक का प्रयोग किया गया है। साथ ही बीते कुछ महीनों से भित्ति चित्रों को सरंक्षित करने के लिए एक विशेष टीम श्री दरबार साहिब में काम कर रही है। श्री दरबार साहिब के करीब 346 वर्षों के इतिहास को यह भित्ति चित्र कई उदाहरणों से सजीव करने का काम कर रहे हैं। इसमें इतिहास के साथ ही टिहरी की नथ का भी सजीव चित्रण किया गया है।
सिखों के सातवें गुरु श्री गुरु हर राय के बड़े पुत्र श्री गुरु राम राय जी का जन्म होली के पांचवें दिन हुआ था। वर्ष 1646 को पंजाब के होशियारपुर जिले के कीरतपुर में जन्म लेने वाले श्री गुरु राम राय जी को ही देहरादून का संस्थापक माना जाता है। उनके जन्मदिन के मौके पर हर साल झंडा जी मेले का आयोजन होता है।
झंडे जी देहरादून के दरबार साहिब में स्थापित हैं। यहां हर साल आस्था का ऐसा सैलाब उमड़ता है कि देखने वालों को भी आंखों पर यकीन नहीं होता। इस दरबार साहिब की स्थापना श्री गुरु राम राय जी ने की थी। औरंगजेब गुरु राम राय के काफी करीबी माने जाते थे। औरंगजेब ने ही महाराज को हिंदू पीर की उपाधि दी थी। गुरु राम राय जी ने देहरादून में आकर डेरा डाला था। इसी जगह पर यहां दरबार साहिब बनाया गया और यहां झंडे जी की स्थापना की की गई।
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