कालाधन। स्विस बैंकों में भारतीयों का कितना पैसा जमा है? कालाधन कितना है? इस बात की जानकारी भारत सरकार के पास नहीं है। बता दें कि संसद में मॉनसून सत्र चल रहा है और इस सिलसिले में विपक्ष की ओर से केंद्र सरकार से सवाल जवाब किए जा रहे हैं। बीते दिन हंगामा करने वाले चार कांग्रेस सांसदों को सदन से निलंबित भी कर दिया गया। वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्विस बैंकों में भारतीयों के पैसों को लेकर किये गए सवाल का लिखित जवाब दिया है।
स्विस बैंकों में भारतीयों का कितना पैसाः सरकार को कोई आधिकारिक जानकारी नहीं
सोमवार को मॉनसून सत्र के दौरान संसद में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार के पास स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों और कंपनियों द्वारा जमा की गई राशि की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है।
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कालेधन पर विफल साबित हुई नोटबंदी
नोटबंदी एक ऐसा कदम था जिसके बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि इससे काले धन पर बड़ी चोट होगी। लेकिन रिज़र्व बैंक का आंकड़ा कहता है कि 99.3 फीसदी नोट वापस बैंकों तक पहुंच चुके हैं और इससे साफ़ है कि नोटबंदी का काले धन पर कोई प्रभाव नहीं हुआ है। इस आंकड़े के सामने आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी भी नोटबंदी को काले धन पर चोट के लिए उठाया कदम नहीं कहते हैं, जबकि पहले वे कई-कई बार ऐसा कहा करते थे।
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स्विस बैंकों में भारतीयों का कितना पैसाः नहीं उठा ठोस क़दम!
विपक्ष में रहते हुए तमाम भाजपा नेता और खुद प्रधानमंत्री मोदी भी विदेशों में पड़े काले धन के आंकड़े को हजारों करोड़ बताया करते थे. लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्होंने इस आंकड़े पर कोई चर्चा नहीं की है। घोषणा पत्र में कहा गया था कि ‘काले धन को वापस भारत लाने के कार्य को प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा‘। प्राथमिकता के आधार पर तो दूर, मोदी सरकार 8 साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी है और अब तक भी इस दिशा में कुछ नहीं कर सकी है।
भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र का यह ऐसा मुद्दा है जिसकी चुनावों से पहले जमकर चर्चा हुई थी। जनता ने ख्वाब देखा था कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे तो विदेशों में पड़ा काला धन वापस आएगा लेकिन इसी मुद्दे पर जनता को सबसे ज्यादा निराशा हाथ लगी। जो भाजपा चुनावों से पहले कहती थी कि ‘काला धन वापस आया तो हर देश वासी के खाते में 15-15 लाख रुपये ऐसे ही आ जाएंगे’ उसी भाजपा के अध्यक्ष ने चुनावों के बाद कहा कि ’15 लाख रुपये मिलने की बात सिर्फ एक चुनावी जुमला थी।’
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