हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। वहीं इसी बीच अब अडानी ग्रुप ने अपने 20 हजार करोड़ के FPO को भी वापल लेने का फैसला कर लिया है। अडानी ग्रुप ने इस फैसले के पीछे नैतिकता की दुहाई दी है।
दरअसल अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने गुरुवार की सुबह एक बयान जारी किया। इस बयान में उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी 20 हजार करोड़ के FPO को वापस ले रही है। गौतम अडानी ने इसके पीछे नैतिकता का हवाला दिया है।
अडानी ने कहा, हमने FPO वापस ले लिया है
अडानी ने अपने बयान में कहा है कि मेरे लिए मेरे निवेशकों का हित सबसे ऊपर है, इसलिए निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हमने FPO वापस ले लिया है। इस निर्णय का हमारे मौजूदा परिचालनों और भविष्य की योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हम समय पर क्रियान्वयन पर ध्यान देना जारी रखेंगे।
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आपको बता दें कि 20,000 करोड़ रुपये के लिए फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) 27 जनवरी को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था और 31 जनवरी को सब्सक्राइब होकर बंद हुआ था।
अडाणी ग्रुप ने अडानी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) को बुधवार को वापस ले लिया था। इस संबंध में गौतम अडाणी ने गुरुवार सुबह कहा कि पूरी तरह से सब्सक्राइब किए गए FPO के बाद इसे वापस लेने के फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया होगा।
FPO क्या होता है?
FPO के जरिए कोई कंपनी अपना फोलो ऑन पब्लिक ऑफर जारी करती है। यानी कि जो कंपनी पहले से शेयर मार्केट में लिस्टेड है, वह इन्वेस्टर्स के लिए नए शेयर ऑफर करती है। ज्यादातर ये शेयर प्रोमोटर्स की ओर से जारी किए जाते हैं। FPO का इस्तेमाल कंपनी के इक्विटी बेस को डाइवर्सिफाई करने के लिए होता है।
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