पुरुष ट्रांसजेंडर भारत में पहली बार एक बच्चे को जन्म देगा। केरल के कोझिकोड के रहने वाले ट्रांस कपल जिया और जहाद ने ये जानकारी दी है। इस अनोखे केस की पूरे देश में चर्चा हो रही है। पेशे से नर्तकी जिया पावल ने इंस्टाग्राम पर घोषणा की कि उनके पार्टनर जहाद के गर्भ में आठ महीने का शिशु पल रहा है। पावल ने इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा, ‘‘मेरा मां बनने और उसका पिता बनने का सपना अब पूरा होने वाला है। जहाद के गर्भ में आठ महीने का भ्रूण है… हमें यह पता चला है कि भारत में किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति के गर्भधारण का यह पहला मामला है।’’ यह युगल बीते तीन साल से साथ रह रहा है और अपना लिंग बदलने के लिए हॉरमोन थेरेपी करा रहा था। हालांकि, जहाद पुरुष बनने वाले थे, लेकिन बच्चे की चाह में उन्होंने इस प्रक्रिया को रोक दिया।
पुरुष ट्रांसजेंडर वाला पूरा मामला क्या है?
केरल के कोझिकोड शहर में 3 साल पहले एक रोज जिया पावल की मुलाकात जहाद से हुई। ये दोनों ही ट्रांसजेंडर थे। पहली ही मुलाकात में दोनों में दोस्ती हो गई और फिर उनके बीच करीबी बढ़ने लगी। जल्द ही दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई और उन्होंने साथ रहने का फैसला किया। जिया शुरुआत में लड़का था। जहाद से मिलने के एक साल बाद वह जेंडर बदलवाकर लड़की बन गया। वहीं, जहाद लड़की से लड़का बन गया।
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देश का पहला ऐसा मामला जब पुरुष ट्रांसजेंडर एक बच्चे को जन्म देगा
अब लड़का बनने के बावजूद जहाद प्रेग्नेंट हो गया है। देश में यह पहला ऐसा मामला है, जब पुरुष ट्रांसजेंडर एक बच्चे को जन्म देगा। दो साल पहले 23 वर्षीय जहाद और 21 साल की जिया पावल ने अपने जेंडर बदलवाने की प्रक्रिया शुरू की थी। 2022 में जहाद के प्रेग्नेंट होने की वजह से इस जोड़े को लिंग बदलवाने के इस प्रोसेस को बीच में ही रोकना पड़ा। 3 फरवरी 2023 को जिया ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर शेयर कर कहा है कि जहाद 8 महीने का प्रेग्नेंट है।
ऋग्वेद में भी पुरुषों के बच्चा पैदा करने का जिक्र है
शिव और पार्वती को लेकर ऋग्वेद में एक बेहद लोकप्रिय धार्मिक किस्सा है। इसमें बताया गया है कि शिव-पार्वती अंबिका वन में घूमते वक्त प्रेम में लीन थे, तभी कुछ ऋषि वहां आ गए। ऋषियों के अचानक वहां आने से पार्वती शरमा गई। इससे शिवजी को गुस्सा आ गया और उन्होंने शाप दिया कि जो भी अंबिका वन में प्रवेश करेगा, वह तुरंत स्त्री में बदल जाएगा।
एक बार मनु के पुत्र राजा ईल भटक कर अंबिका वन में चले गए और वह स्त्री में बदल गए। दुखी ईल ने अपना नाम बदलकर ईला रख लिया। फिर उनकी मुलाकात ऋषि बुध से हुई। दोनों के विवाह के बाद ईला ने पुरुरवा को जन्म दिया। जिन्होंने बाद में अपनी मां को शाप मुक्त कराया और ईला फिर से राजा ईल में बदल गईं। इसी पुरुरवा को अप्सरा उर्वशी से प्रेम हुआ और ऋग्वेद में भी इनकी प्रेम कथा का जिक्र है। ये पुरुषों के बच्चा पैदा करने को लेकर वेदों में जिक्र किया गया धार्मिक किस्सा है।
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