देहरादून। वन विभाग के दो और IFS अधिकारियों पर अब गाज गिर सकती है। बीते दिनों जहां IFS किशन चंद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर विजिलेंस टीम चार्टशीट दाखिल करने जा रही है। वहीं किशन चंद के वीआरएस पर भी रोक लगा दी गई है। अब वन विभाग के दो और आईएसएस अधिकारियों पर भी जल्द ही कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू होने वाली है।
जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली धामी सरकार धकाधक भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने की कवायद शुरू कर चुकी है। दरअसल, वन विभाग के दो और आईएफएस अधिकारियों की अनिवार्य वीआरएस की पत्रावली को मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए भेजा जा चुका है।
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लिहाजा सीएम के अनुमोदन के बाद इन दोनों आईएफएस अधिकारियों को अनिवार्य वीआरएस दिलाया जाएगा। इस पूरे मामले पर राज्य के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बड़ा बयान दिया है। वन मंत्री का कहना है कि राज्य में भ्रष्टाचार पर पूरी तरह से लगाम लगाने की कवायद शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अब वन विभाग में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भ्रष्टाचार हुए हैं उन पर भी जांच कर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही दोषी अधिकारियों को कड़ी सजा दी जाएगी।
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वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि विभाग के दो अधिकारियों की अनिवार्य वीआरएस की पत्रावली मिली थी, जिसपर मुख्यमंत्री को अनुमोदन के लिए कहा गया है। मुख्यमंत्री का अनुमोदन मिलते ही बड़ी कार्रवाई शुरू हो जाएगी। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा है कि जो अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और वीआरएस लेना चाहते हैं, उनके वीआरएस को भी रद्द करने का निर्णय लिया गया है।
बता दें कि आईएफएस अधिकारी किशन चंद के खिलाफ विजिलेंस जांच की संस्तुति राज्य सरकार ने दी है जिस पर केंद्र सरकार को अंतिम निर्णय लेना है इसके साथ ही राज्य सरकार वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है
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