टैक्स चोरी करने का लगा था आरोप
गूगल पर फ्रांस में टैक्स चोरी करने का आरोप लगा था। उसने कारोबारी गतिविधियों की जानकारी न देते हुए कहा था कि उसका सारा बिजनेस आयरलैंड से चलता है। हालांकि पहले से समझौता होने के कारण कंपनी पर आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं होगा। कई अन्य कंपनियों के खिलाफ भी इसी तरह की सख्ती बरती जा सकती है। कुछ कंपनियों से बातचीत चल रही है।
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फ्रांस ने गूगल और फेसबुक जैसी दिग्गज इंटरनेट कंपनियों पर नया टैक्स लगाने को मंजूरी दे दी है। इस इंटरनेट टैक्स को गाफा (गूगल, अमेजन, फेसबुक और एपल) नाम दिया गया है। हालांकि, अमेरिका ने इस पर कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए अपने नाटो सहयोगी फ्रांस से इस विचार को त्यागने का आग्रह किया था।
यूरोपीय संघ ने लगाया था 117 अरब का जुर्माना
यूरोपीय संघ ने प्रतिस्पर्धा कानून के उल्लंघन को लेकर गूगल पर 1.49 अरब यूरो यानि करीब 117 अरब रुपये का जुर्माना लगाया है। गूगल पर यह जुर्माना ऑनलाइन विज्ञापन में पक्षपात को लेकर लगा है। बता दें कि इससे पहले भी पिछले साल जुलाई में यूरोपीय आयोग गूगल पर इसी बात को लेकर 344 अरब रुपये का जुर्माना लगाया था जो कि गूगल पर लगने वाला सबसे बड़ा जुर्माना था।
दरअसल गूगल पर हर बार यह आरोप लगता रहा है कि वह अपने मोबाइल डिवाइस रणनीति के तहत गूगल सर्च इंजन को गलत तरीके से प्रस्तुत करता है। साथ ही आपको याद दिलाते चलें कि साल 2017 के बाद अभी तक गूगल पर लगने वाला यह तीसरा बड़ा जुर्माना है। गौरतलब है कि यूरोप गूगल, अमेजन, एपल और फेसुबक जैसी कंपनियों पर कड़ाई से नजर रखता है और नियमों के उल्लंघन होने पर जांच करता है।