उत्तराखंड में प्रमोशन में आरक्षण और सीधी भर्ती में आरक्षण के रोस्टर का विवाद अब राजभवन पहुंचने वाला है। उत्तराखंड एससी-एसटी इम्प्लाइज फेडरेशन ने दोनों मसलों पर राजभवन का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। रविवार को फेडरेशन की प्रदेशस्तरीय बैठक में रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।
फेडरेशन ने रोस्टर के परीक्षण को लेकर समिति बनाए जाने के एलान का स्वागत किया है। लेकिन समिति के गठन से पहले हाल ही में जारी सीधी भर्ती के रोस्टर को निरस्त करने की मांग की है।
फेडरेशन ने सरकार को यह सुझाव भी दिया कि मुख्यमंत्री रोस्टर के परीक्षण का जिम्मा उस कमेटी को सौंप सकते हैं, जिसने मंत्रिमंडल को सिफारिश की थी। उस समिति के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य थे और सदस्य कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और अरविंद पांडेय थे।
फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष करम राम का कहना है कि शासन ने सीधी भर्ती की रोस्टर नीति जारी करने में जल्दबाजी की। एक ओर फेडरेशन यह आशा कर रहा था कि रोस्टर को लेकर कैबिनेट में हुए निर्णय पर पुनर्विचार के लिए सरकार दोबारा प्रस्ताव लाएगी, वहीं दूसरी ओर उसका शासनादेश जारी कर दिया गया। उन्होंने कहा कि समिति बनाए जाने से पहले मुख्यमंत्री को रोस्टर के आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर देना चाहिए।
इन तमाम मसलों पर रविवार को फेडरेशन की एक अहम बैठक में विचार होगा और फिर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। साथ ही मामले में एससी एसटी वर्ग के मंत्री, विधायकों, सांसदों से समर्थन मांगा जाएगा।