देहरादून। सत्ता किस तरह से बेशर्मी का लबादा ओढ़ लेती है ये समझना हो तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का डेंगू को लेकर हालिया बयान सुनिए। सिस्टम किस तरह से अपनी नाकामी को सियासत के सहारे छुपा ले जाता है ये सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान से स्पष्ट होता है।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से पत्रकारों ने डेंगू के बढ़ते मामलों और सिस्टम के लाचार होने के संबंध में सवाल पूछा। ये सवाल विपक्ष के आरोपों के बहाने पूछा गया। इस सवाल का सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जो जवाब दिया वो हैरान करने वाला था। सीएम ने कहा कि, डेंगू के मच्छर सरकार के घर में पैदा नहीं होते, मैं भी बोल सकता हूं कि विपक्ष ने षड्यंत्र के तहत डेंगू मच्छर शहर में छोड़े हैं। इतना ही नहीं उन्होंने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के एक बड़े नेता पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए यह तक कह दिया कि पीसीसी अध्यक्ष प्रीतम सिंह के आसपास ही सबसे बड़ा मच्छर घूम रहा है, जिस वजह से वह अब तक अपने संगठन की कार्यकारिणी तक घोषित नहीं कर पाए हैं।
सीएम का ऐसा बयान बताता है कि सरकारी तंत्र डेंगू को लेकर कितना गंभीर है। याद रखिएगा कि स्वास्थय विभाग की कमान खुद सीएम ही संभाल रहें हैं। ऐसे में सीएम का ये बयान न सिर्फ बेहद बचकाना माना जा रहा है बल्कि स्वास्थय विभाग की लापरवाह तैयारियों की पोल भी खोल रहा है। जब विभाग का मुखिया ही डेंगू जैसी बीमारी को लेकर इतना लापरवाह है तो समझा जा सकता है कि विभाग के अधिकारी कितने सजग है। फिलहाल देहरादून में डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 1700 से ऊपर पहुंच गया है और फिलहाल डेंगू कम होता नहीं दिख रहा है। नए इलाकों में डेंगू पैर पसार रहा है और सरकार सिर्फ फागिंग के सहारे बैठी है।
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