उत्तराखंड और देश से गद्दारी के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता है लेकिन ऐसा हुआ है। उत्तर प्रदेश एंटी टेरर स्क्वॉड (ATS) और मिलिट्री इंटेलीजेंस ने जासूसी के आरोप में सोमवार को रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) के सीनियर इंजीनियर को गिरफ्तार किया है।
आरोप है कि उत्तराखंड के रहने वाले डीआरडीओ के सीनियर इंजीनियर निशांत अग्रवाल ने नागपुर में ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट से अहम तकनीकी जानकारियां चोरी कर अमेरिका और पाकिस्तान को बेची है। गिरफ्तार इंजीनियर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) का एजेंट बताया जा रहा है।
अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के मुताबिक बताया जा रहा है कि इंजीनियर निशांत अग्रवाल अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की एक महिला एजेंट के जाल में फंसा था इसलिए इसे हनीट्रैप से जोड़कर देखा जा रहा है। महिला हैंडलर उसे दिल्ली से ऑपरेट कर रही थी। फिलहाल वो महिला कौन है और वो कब से निशांत के संपर्क में थी, इस बारे में अभी कोई ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है। सुरक्षा एजेंसियां आरोपी इंजीनियर से पूछताछ कर रही है।
निशांत अग्रवाल डीआरडीओ के ब्रह्मोस एयरोस्पेस में चार साल से सीनियर सिस्टम इंजीनियर की जिम्मेदारी देख रहा था। इसके तहत वह हाइड्रोलिक-न्यूमेटिक्स और वारहेड इंटीग्रेशन (प्रोडक्शन डिपार्टमेंट) की टीम को लीड कर रहा था। इस टीम में 40 लोग थे।
बताया जा रहा है कि आरोपी इंजीनियर सोशल मीडिया के जरिये बड़े आराम से ब्रह्मोस मिसाइल की जानकरियां लीक कर रहा था। इसके लिए वह इन्क्रिप्टेड, कोडवर्ड और गेम के चैट जोन का इस्तेमाल कर रहा था। महिला हैंडलर के साथ फेक फीमेल आईडी से बात करता था।
यूपी एटीएस के आईजी असीम अरुण ने बताया कि DRDO में कार्यरत निशांत अग्रवाल के कंप्यूटर से काफी संवेदनशील जानकारियां हाथ लगी है। उन्होंने कहा कि निशांत अग्रवाल के कंप्यूटर से उसके पाकिस्तान स्थित आईडी पर फेसबुक के जरिए चैटिंग के भी सबूत हाथ लगे हैं।
गौरतलब है कि सोमवार सुबह यूपी एटीएस की टीम निशांत के नागपुर स्थित आवास पर छानबीन के लिए पहुंची और मामले की जांच संबंधी सामग्रियां जब्त की। वहीं रविवार रात को भी इसी टीम ने कानपुर से एक महिला को गिरफ्तार किया था, हालांकि, उसके पास से कुछ नहीं मिला था।