आखिरकार हरिद्वार में वन विभाग की टीम ने खूनी टस्कर को पकड़ लिया। गुरुवार को पूरी रात कवायद करने के बाद शुक्रवार तड़के विभाग को सफलता मिली। चार दिन अभियान चलाने के बाद हाथी पकड़ में आया। हरनौल के घने जंगल में चले जाने के कारण हाथी को पकड़ना मुश्किल हो गया था। फिर भी वन कर्मियों ने हार नहीं मानी।
शुक्रवार की सुबह हरिद्वार में भेल मेटीरियल गेट के पास विभाग की टीम ने टस्कर को बेहाश कर पकड़ लिया। बता दें कि टस्कर हाथी ने वन विभाग और राजाजी टाइगर रिजर्व के अधिकारियों का दम निकाल दिया था।
टस्कर हाथी के खौफ के कारण भेल सेक्टर चार और सेक्टर एक के पीठ बाजार पर लगाए गए प्रतिबंध को भेल ने हटाया दिया है। भेल नगर प्रशासक संजय पंवार ने बताया कि राजाजी टाइगर रिजर्व के वार्डन से वार्ता हो गई है। लोगों के रोजगार को ध्यान में रखते हुए पीठ बाजार लगाने पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया गया है। बृहस्पतिवार से पीठ बाजार लगना शुरू हो गया है।
गौरतलब है कि भेल के सेक्टर एक में बुधवार 14 नवंबर को सुबह करीब पांच बजे भेलकर्मी को टस्कर हाथी ने पटककर मार डाला था। घटना के बाद भेल के साथ ही आसपास के लोगों में दहशत थी। कर्मचारी की मौत से गुस्साए भेलकर्मियों और स्थानीय लोगों ने वनप्रभाग कार्यालय पर जमकर हंगामा किया था। उन्होंने वन विभाग पर लोगों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया था। स्थानीय लोगों ने जनहित में हाथी को गोली मारने या बेहोश करके किसी अन्य स्थान पर ले जाकर छोड़ने की मांग की थी।