राज्यसभा सदस्य राज बब्बर के सांसद प्रतिनिधि मोहन नेगी ने बृहस्पतिवार को प्रदेश में सांसद आदर्श गांवों की बदहाली का खुलासा किया। नेगी के मुताबिक कागजों में भले ही दावा रहा हो, लेकिन हकीकत यह है कि गैरसैंण में सांसद आदर्श गांव लामबगड़ में दो साल से कोई अधिकारी झांकने तक नहीं आया।
सचिवालय में मीडिया से मुखातिब मोहन नेगी ने कहा कि गांव में मानसिंह और बिछली देवी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो साल पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन किया था, लेकिन आज तक उनका आवेदन स्वीकृत नहीं हुआ। 18 दिसंबर 2014 को पूर्व राज्य सभा सदस्य मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने यह गांव गोद लिया था।
मनोरमा शर्मा का निधन हुआ तो प्रदेश से राज्यसभा सदस्य बने राजबब्बर ने यह गांव 2015 में गोद ले लिया। 224 परिवारों के इस गांव में बिजली तो जरूर घर-घर पहुंची, लेकिन बाकी सारे काम अधूरे पड़े हैं। शौचालयों की मांग की गई थी, जो अब तक पूरी नहीं हुई।
उन्होंने पूरे मामले की शिकायत राज्य के मुख्य सचिव से लेकर पीएमओ तक से की है। वहीं, बृहस्पतिवार को सचिवालय में हुई बैठक में उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने भी सारी बातें रखीं।