देहरादून। राजधानी में जहरीली शराब के सेवन से मरने वालों का आंकड़ा सात तक पहुंच गया है। सिस्टम चाहता तो इस घटना को रोका जा सकता था लेकिन बीजेपी विधायक के घर से चंद कदम दूर मुख्यमंत्री की नाक के नीचे जहरीली शराब का कारोबार चलता रहा और सिस्टम सोता रहा।
सात मौतों के बाद स्थानीय इलाकों और मीडिया में आ रही रिपोर्ट्स की माने तो ये पूरा कारोबार पिछले काफी वक्त से चल रहा है। शहर की कच्ची बस्तियों में अवैध शराब के कारोबारी पूरी तरह अपनी पकड़ बना चुके हैं। हालात ये हैं कि रिस्पना और बिंदाल नदियों के किनारे बनी बस्तियों में अवैध शराब के कारोबारियों ने अपने काउंटर बना रखे हैं। बाकायदा इन काउंटर्स पर कारिंदों की तैनाती की जाती है और यहीं से शराब की बिक्री की जाती है।
नेता, विधायक, पुलिस सबको है पता
स्थानीय लोगों की माने तो अवैध शराब का कारोबार करने वालों के बारे में पूरे सिस्टम को पता है। हर राजनीतिक दल का ऊंचे रसूख वाला नेता, चाहें वो किसी भी पार्टी का हो, विधायक, स्थानीय थानों की पुलिस, आबकारी विभाग सभी को अवैध शराब के कारोबार से भली भांति परिचित है। लोगों ने तो यहां तक बताया है कि चुनावों के दौरान इन्हीं अवैध शराब के कारोबारियों के जरिए वोटर्स को प्रभावित करने के लिए शराब बंटवायी जाती है। ऐसा हर पार्टी के लिए होता है। कोई अछूता नहीं है। बीते चुनावों में भी हुआ है और संभवत आगे भी होता रहेगा। यही वजह है कि स्थानीय विधायक अब अवैध शराब कारोबारी को बचाने की मुद्रा में आते दिख रहें हैं।
स्थानीय पुलिस थानों और चौकियों पर शराब माफिया के जरिए पहुंचने वाला हफ्ता हर एक का मुंह बंद कराए रखता है। हालात ये हैं कि फरारी काट रहे आरोपियों को भी पुलिस देख कर अनदेखा कर देती है। आबकारी विभाग की मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
ऊपर से दबाव, नीचे आरोपी फुर्र
इस बात से हरगिज इंकार नहीं किया जा सकता है अवैध शराब का कारोबार सत्ता और सिस्टम के संरक्षण में चलता है। तभी तो हर बार आरोपी कानून के शिकंजे से निकल भागता है। खबरें हैं कि हाल में आबकारी विभाग की टीम ने अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई में इलाके के शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई का मन बनाया था लेकिन ‘ऊपर’ से आए दबाव के चलते उसे पीछे हटना पड़ गया।
जेम्स बांड बनने लगा सिस्टम
सिस्टम को जागने के लिए सात मौतों का इंतजार था। जैसे ही मौतें हुईं मुख्यमंत्री से लेकर राजधानी के एससएपी तक जागृत अवस्था में दिखने लगे। हालात ये हैं कि अब जेम्स बांड जैसा एक्शन दिखने लगा है। सीएम ने मजिस्ट्रेट से जांच की बात कही है तो एसएसपी ने शहर कोतवाल और चौकी प्रभारी को सस्पेंड कर दिया है। सिस्टम इतनी तेजी से काम करता दिख रहा है मानों अवैध शराब कारोबारियों का अंत करके ही मानेगा।