वित्त विभाग के मुताबिक छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों को लागू करते समय कई कार्मिक ऐसे रह गए जिनको पदोन्न्तियों का लाभ तो मिला, लेकिन उनका वेतन समान पदों पर सीधी भर्ती से पहुंचने वाले कार्मिकों से कम रह गया। यह मामला हाईकोर्ट में भी पहुंचा और इसके बाद सुप्रीम कोर्ट। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि पदोन्नत कर्मचारियों और शिक्षकों को भी सीधी भर्ती वाले कार्मिकों के समान वेतन दिया जाए।
प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर दिसंबर 2018 में चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के कार्मिकों के लिए यह आदेश जारी किया। यह आदेश इन विभागों में तो लागू हुआ, लेकिन अन्य विभागों के कार्मिक इस लाभ को पाने से वंचित रह गए।
150 करोड़ का आएगा भार
अब वित्त विभाग ने यह आदेश प्रदेश के सभी विभागों के कार्मिकों और शिक्षकों के लिए लागू किया है। इसका शासनादेश जारी कर दिया गया है। अपर सचिव वित्त अरुणेंद्र सिंह चौहान की ओर से जारी इस आदेश में साफ कर दिया गया है इस विसंगति को तुरंत दूर किया जाए।
वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक इस नई व्यवस्था से सरकार पर करीब 150 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय भार आएगा। इस आदेश के जारी होने के बाद छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों के आधार पर वेतन ले रहे सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों को इसका लाभ होगा।
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