पूरे देश समेत उत्तराखंड में भी शुक्रवार दो दवा की दुकाने बंद रहीं। राज्य के अलग अलग हिस्सों में दवा की दुकानों की बंदी का असर देखने को मिला। राजधानी देहरादून के साथ साथ हरिद्वार, रुड़की औऱ पर्वतीय इलाकों में भी इस बंदी का असर दिखाई दिया। आइए आपको बताते हैं कि दवा व्यवसायियों की क्या है मांग –
- ऑनलाइन पोर्टल बिना किसी जवाबदेही के दवा के पर्चे की प्रमाणिकता को जांचे बिना ही दवा दे रहे हैं।
- एमटीपी किट, सिडनेफि ल कोडीन जैसी दवाओं को पंजीकृत मेडिकल प्रेक्टिशनर के पर्चे के बिना बेचा जा रहा है
- मनोचिकित्सक, त्वचा रोग विशेषज्ञ और अन्य विशेषज्ञों के पर्चे पर लिखी जाने वाली दवाओं को गैर योग्यता प्राप्त डॉक्टर के पर्चे पर खरीदा जाता है।
- दवाओं की ब्रिकी पुराने पर्चे या फिर बनावटी पर्चे पर की जाती है।