उत्तराखंड। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के इतिहास पर नजर डालें तो राज्य गठन के बाद से अब तक, हर चुनाव में सरकार बदलती रही है। उत्तराखंड चुनाव का ये ट्रेंड रहा है कि एक बार बीजेपी तो दूसरी बार कांग्रेस को सरकार चलाने का जनादेश मिलता रहा है, ऐसे में अगर एग्जिट पोल के नतीजे असल चुनाव नतीजों में तब्दील होते हैं तो सूबे का ये ट्रेंड टूट जाएगा।
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अब तक के रेकॉर्ड को देखते हुए कहा जाता है कि उत्तराखंड में सरकार बनने को लेकर एक मिथ है कि यहाँ कभी भी सरकार की वापसी नहीं हुई, लेकिन क्या इस बार ये मिथक टूटने वाला है? क्योंकि एग्जिट पोल के नतीजों में भले ही बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर दिख रही हो लेकिन बीजेपी के आला नेतृत्व को ये भरोसा है कि बीजेपी दोबारा कमल खिलाने में सफल हो रही है। आपको बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल के अनुमान बीजेपी सरकार का इशारा कर रहे हैं। आपको बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आने हैं ।
गढ़वाल के मैदानी इलाके में कड़ा मुकाबला
गढ़वाल के मैदानी इलाकों में कड़ा मुकाबला नजर आ रहा है। गढ़वाल के मैदानी इलाकों में बीजेपी को 9, कांग्रेस को 8, बसपा को 2 और अन्य को 1 सीट मिलने का अनुमान जताया गया है। गढ़वाल के पर्वतीय इलाके में बीजेपी को 13 और कांग्रेस को 7, कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्र में बीजेपी को 9 और कांग्रेस को 6, कुमाऊं के मैदानी इलाकों में बीजेपी को 9 और कांग्रेस को 4 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है।
कांग्रेस का सबसे बेहतर प्रदर्शन कुमाऊं के पर्वतीय इलाके में आता नजर आ रहा है । कुमाऊं के पर्वतीय इलाकों में कांग्रेस को 42, कुमाऊं के मैदानी इलाकों में 38, गढ़वाल के मैदानी इलाकों में 39 और गढ़वाल के पर्वतीय इलाकों में 40 फीसदी वोट शेयर मिल सकते हैं।
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